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प्रसंग इसलिए कि इसी माह शुरूआत में जनकवि व पर्यावरणविद चन्दन नेगी जी के साथ मसूरी घूम रहा था तो सन् 1885 में निर्मित कुलड़ी स्थित ‘सेण्ट्रल मेथोडिस्ट चर्च’ देखने भीतर गये। चर्च के आंगन में उत्तरी दिशा में एक जी.टी.एस. बंेच मार्क -1908 पर नजर पड़ी, जिस पर समुद्र तल से ऊंचाई 8570.028 फीट अंकित है। (गौरतलब है कि ब्रिटिश सिस्टम- एफ. पी. एस. में लम्बाई के माप फीट में है जबकि अमेरिकन सिस्टम एम. के. एस. में माप मीटर में लिखे जा रहे हैं।)
जी.टी.एस. सर्वेक्षण की वह विधा है जिसमें उच्च वैज्ञानिक परिशुद्धता के साथ माप लिए जाते हैं। भारतीय सर्वेक्षण विभाग के स्थापना के लगभग सैंतीस वर्ष बाद एक इन्फेण्ट्री ऑफीसर विलियम लैम्बटन द्वारा यह त्रिकोणमितीय विधा सर्वप्रथम सन् 1802 में प्रारम्भ की गयी थी। आज भले ही उच्च तकनीकी के उपकरण आ गये हैं किन्तु लगभग दो सौ साल पहले इस विधा द्वारा ही माउण्ट एवरेस्ट, के-2 आदि हिमालयी
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