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समता समानता का वरदान पाया
हमारा यह जालिम युग
नेता प्रसूत लोकतंत्र
प्लेटों में सजा कर लाता है नेता.
हर जन्म नेता का जन्म है
हर पंजीकरण भावी
नेता का प्रमाण-पत्र
अब जनता नहीं जनती नेता
नेता जन रहा वैध-अवैध जनता
को.
चुनाव का न्यायिक चेहरा
ढक देता नेता के करम
विवेकशून्य जनता के भरम
पुरुष नेतृत्वहीन हो गए
सो औरतें पा गयी नेता आरक्षण.
लोकतंत्र व चुनाव वैसे ही हैं
नेता का महिला अवतार हो गया
ठीक उसी लीक पर
अब भी
समता समानता की ढाल ताने चुनावी वाण बरसाते
आक्रमणकारी जैसे आते हैं
नेता
पिछली फसल के बचे खुचे पौधों जैसे
कुछेक जनता रुपी वोटर
पचा नहीं पाए
इस नए अवतार को
भ्रमित हो गए मन कोमा में गयी बुद्धि
अब न सोचती है न समझती
है.
चालाक पुरुष
औरतों को घेर कर नेता बन रहे हैं
और चालाक औरतें
सशर्त गर्भवती हो रही हैं,
नेता जनना है तो ठीक
इंसान हम नहीं जनेगी.