पर्यावरण !
हरियाली कागजों में
ताजगी भाषणों में
और जमीं पर सिर्फ
दूषित वातावरण !!
एन जी ओ !
देश समाज के नाम पर
चतुर विद्वान लोगों द्वारा
सरकारी धन हड़पने का
राजनीतिक सीनारियो !!
नौकरी !
दो रोटी का जुगाड़ गरीबों को
रौब-दाब समाज में सबलों को
चोरों को कमाने का साधन औ' शरीफों को
बस चाकरी !!
प्यार !
पुल - दो विरोधी हालात के बीच
सफल तो जिंदगी गुलज़ार
हुए असफल तो जीवन भर
जीना दुश्वार !!
रिश्ते !
ता-उम्र निभाने के फेर में
भावनाएं दोहन के खेल में
फायदा उठाते शातिर और
सीधे पिसते !!
हरियाली कागजों में
ताजगी भाषणों में
और जमीं पर सिर्फ
दूषित वातावरण !!
एन जी ओ !
देश समाज के नाम पर
चतुर विद्वान लोगों द्वारा
सरकारी धन हड़पने का
राजनीतिक सीनारियो !!
नौकरी !
दो रोटी का जुगाड़ गरीबों को
रौब-दाब समाज में सबलों को
चोरों को कमाने का साधन औ' शरीफों को
बस चाकरी !!
प्यार !
पुल - दो विरोधी हालात के बीच
सफल तो जिंदगी गुलज़ार
हुए असफल तो जीवन भर
जीना दुश्वार !!
रिश्ते !
ता-उम्र निभाने के फेर में
भावनाएं दोहन के खेल में
फायदा उठाते शातिर और
सीधे पिसते !!
satya kahati rachna ...
ReplyDeleteshubhkamnayen ..
कम शब्दों में बहुत कुछ परिभाषित कर दिया आपने..सुन्दर रेखाचित्र वर्णन ..साधुवाद
ReplyDeleteसुन्दर शव्दों से सजी पंक्तियाँ
ReplyDeleteरिश्ते !
ता-उम्र निभाने के फेर में
भावनाएं दोहन के खेल में
फायदा उठाते शातिर और
सीधे पिसते !!
रिश्ते !
ReplyDeleteता-उम्र निभाने के फेर में
भावनाएं दोहन के खेल में
फायदा उठाते शातिर और
सीधे पिसते !!
बहुत ही भाव-प्रवण कविता । मेरे नए पोस्ट 'समय सरग पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteSAMAJIK SAMSHYAON SE SAROKAR KARATI AAPKI RACHNAYE HAMESH HI PRASHNSHNEEY HOTI HAI..BAHUT SUNDAR SIR...
ReplyDeleteप्रभावित करती अभिव्यक्ति .......
ReplyDeleteयथार्त ............स:परिवार नवरात्रों की ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएं .......
ReplyDeleteयथार्थ की सुन्दर सार्थक बानगी ..आभार
ReplyDeleteSatya ko ka varnan karti rachna sir ji!
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !
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