Thursday, September 06, 2012

कविता के नाम पर !


पर्यावरण !
हरियाली कागजों में
ताजगी भाषणों में
और जमीं पर सिर्फ
दूषित वातावरण !! 

एन जी ओ !
देश समाज के नाम पर
चतुर विद्वान लोगों द्वारा
सरकारी धन हड़पने का
राजनीतिक सीनारियो !!

नौकरी !
दो रोटी का जुगाड़ गरीबों को
रौब-दाब समाज में सबलों को
चोरों को कमाने का साधन औ' शरीफों को
बस चाकरी !! 

प्यार !
पुल - दो विरोधी हालात के बीच
सफल तो जिंदगी गुलज़ार
हुए असफल तो जीवन भर
जीना दुश्वार !!

रिश्ते !
ता-उम्र निभाने के फेर में
भावनाएं दोहन के खेल में
फायदा उठाते शातिर और
सीधे पिसते !!