Monday, September 27, 2021

एक अच्छी फिल्म देखने को मिली

देवभूमि : लैण्ड ऑव द गॉड्स
 
 बहुत दिनों बाद एक अच्छी फिल्म देखने को मिली। गूगल में कब से थी, कह नहीं सकता। इस सप्ताह तीन दिन के लिए उसके पास जाना हुआ तो उसने यह फिल्म देखने का सुझाव दिया। उसे फिल्में देखने का बड़ा शौक है विशेषकर हॉलीवुड की फिल्में, परन्तु हिन्दी समानान्तर सिनेमा देखना भी नहीं छोड़ता। उड़ान, अन्तर्द्वन्द, गांव, स्टेनले का डिब्बा, शकुन्तला आदि अनेक फिल्में उसने ही मुझे देखने को दी।
 
और इस बार सन् 2016 में रिलीज विश्व विख्यात सर्बियन निर्देशक ‘गोरन पास्कलजेविक’ द्वारा निर्देशित और ‘नोवा फिल्म जेप्टर इण्टरनेशनल’ द्वारा प्रायोजित फिल्म ‘‘देवभूमि: लैण्ड ऑव द गॉड्स’’।फिल्म में घटनाक्रम केदारनाथ आपदा के ठीक दो वर्ष बाद अर्थात 2015 का दिखाया गया है।
 
फिल्म ने उत्तराखण्ड को विश्व सिनेमा के पर्दे पर एक विशिष्ठ पहचान दी है। औली, तुंगनाथ, चोपता, जोशीमठ, बद्रीनाथ आदि दर्शनीय स्थलों पर फिल्माकिंत यह फिल्म 'टोरण्टो फिल्म फेस्टिवल' के लिए भी चयनित हुई है। 
 
फिल्म की मुख्य भूमिका में विख्यात कलाकार विक्टर बनर्जी है। परन्तु गीताजंली थापा, उत्तरा बावकर, राज जुत्सी, वी. के. शर्मा, अविजीत दत्त, एस. पी. ममगाईं, अम्बरकांत, प्रिया शर्मा, सोहैला कपूर आदि सितारों का अभिनय भी अमिट छाप छोड़ता है।

 

Friday, September 24, 2021

होगा तेल मंहगा, हमें क्या !

टिहरी जलमग्न होने से पहले ही टिहरी वासियों के लिए एक नया शहर बसाया गया- नई टिहरी। टिहरी नगरवासी तब पीने के पानी के लिए बर्तन उठाकर तीन धारा और सिमलासू रोड पर भादो की मगरी तक जाते थे 
 
पर अब भी पानी के लिए नई टिहरी के लोगों की दौड़ उसी प्रकार जारी है, ढाईजर, छमुण्ड और बुडोगी की ओर। और सबसे अधिक संख्या छमुण्ड का पानी पीने वालों की है।
फर्क इतना है कि टिहरी में लोग पानी के बहाने कम घूमने के बहाने अधिक निकला करते थे पर नई टिहरी में अधिकांश लोग केवल पानी के लिए ही जाते हैं वह भी अपने-अपने वाहन लेकर।
 
पेट्रोल-डीजल के भाव जिस तरह आशमान छू रहे हैं उसे देखकर चिन्ता होती है कि नई टिहरी वासियों को पीने का यह पानी किस दर पर पड़ता होगा।