Golkunda,,Hyderabad Photo-Subir |
यथार्त के धरातल पर रहते हुए यदि कोई सीधे और सपाट शब्दों में अपनी बात इस अंदाज़ में कहे कि बात का मर्म भी लोगों की समझ में आ जाय और बुरा भी न लगे, ऐसी क्षमता विरलों में ही होती है. पर भाई दिगपाल सिंह कोहली कौन सी बात कब, कैसे और किस प्रकार बात की जानी है बखूबी जानते हैं. उनकी यह रचना पाठकों को अवश्य गुदगुदाएगी .
काश! हम कर सकते बीवी को कण्ट्रोल,
कभी घर में हमारा भी होता निर्णायक रोल. काश! बना दे कोई बीवी का रिमोट कण्ट्रोल.
मेरा अधिकार हो गुस्सा और प्यार पर,
उसका हक रहे मान मनुहार पर, उसकी जुबान पर हाँ, मेरे हों आदेश के बोल! काश, कोई बना .................
मैं जैसा चाहूं उसे नचाऊँ,
हर वो काम करे वह जो मैं उसे बताऊँ, वो बने कठपुतली मेरे हाथ में हो डोर! काश, कोई बना .....................
कभी न मांगे मुझसे कोई हिसाब,
न पूछे क्या लाये मेरे लिए आप, कहे 'कबूल मेरे सरताज!' न पूछे उसका मोल! काश, कोई बना ................
खुदा ने भी किस रचना को साकार किया,
बस, एक जुबान देकर उसे बेकार किया, इतनी खूबसूरत रचना हो गई बेमोल! काश, कोई बना .................
रिमोट भी ऐसा जो सिर्फ़ हैस्बैंड से हो बूट,
सारी सुविधा न हों पर जरूरी फॉरवर्ड और mute, सामने ही नहीं हो फोन पर भी हो कण्ट्रोल! काश, कोई बना ...........
दिल पर तो है कब्ज़ा मेरा वो दिमाग से न ले काम,
नज़रों पर ही नहीं, जुबान पर भी हो लगाम, जागते हुए रहे कब्ज़े में, हो सपनों पर भी कण्ट्रोल! काश, कोई बना ..............
कुछ पाबंदियां ही सही यारों, मगर care तो करती है,
हमें पसंद न हो पर, हमपर नज़र रखती है, दुनिया की कोई मशीन उसे कैसे करे कण्ट्रोल! काश, कोई न बनाये .............
मेरा अधिकार हो गुस्सा और प्यार पर,
उसका हक रहे मान मनुहार पर, उसकी जुबान पर हाँ, मेरे हों आदेश के बोल! काश, कोई बना .................
मैं जैसा चाहूं उसे नचाऊँ,
हर वो काम करे वह जो मैं उसे बताऊँ, वो बने कठपुतली मेरे हाथ में हो डोर! काश, कोई बना .....................
कभी न मांगे मुझसे कोई हिसाब,
न पूछे क्या लाये मेरे लिए आप, कहे 'कबूल मेरे सरताज!' न पूछे उसका मोल! काश, कोई बना ................
खुदा ने भी किस रचना को साकार किया,
बस, एक जुबान देकर उसे बेकार किया, इतनी खूबसूरत रचना हो गई बेमोल! काश, कोई बना .................
रिमोट भी ऐसा जो सिर्फ़ हैस्बैंड से हो बूट,
सारी सुविधा न हों पर जरूरी फॉरवर्ड और mute, सामने ही नहीं हो फोन पर भी हो कण्ट्रोल! काश, कोई बना ...........
दिल पर तो है कब्ज़ा मेरा वो दिमाग से न ले काम,
नज़रों पर ही नहीं, जुबान पर भी हो लगाम, जागते हुए रहे कब्ज़े में, हो सपनों पर भी कण्ट्रोल! काश, कोई बना ..............
कुछ पाबंदियां ही सही यारों, मगर care तो करती है,
हमें पसंद न हो पर, हमपर नज़र रखती है, दुनिया की कोई मशीन उसे कैसे करे कण्ट्रोल! काश, कोई न बनाये .............
कुछ पाबंदियां ही सही यारों, मगर care तो करती है,
ReplyDeleteहमें पसंद न हो पर, हमपर नज़र रखती है, दुनिया की कोई मशीन उसे कैसे करे कण्ट्रोल! काश, कोई न बनाये .............
....bahut achha remote control.....
...bibi ka dar agar husband ko n ho to phir ghar mein roj tamasha samjho....
bahut umda rachna...badhai
काश, कोई न बनाये .............
ReplyDeletedekho kavita ji kya khte hain,
ha ha ha
baat Digpal ji ki bhi theek hai lakin kavita ji bhi apni jgh pr galat nahi hain...
achchi prastuti hetu abhaaaaaar,
>>>>>>>>>dhanyvad Kavita jee
ReplyDelete>>>>>>>>dhanyvad Bhakuni jee
badhai ke patra bhai Digpal jee hain .......apko pasand ayee, abhar.
खुदा ने भी किस रचना को साकार किया,
ReplyDeleteबस, एक जुबान देकर उसे बेकार किया, इतनी खूबसूरत रचना हो गई बेमोल! काश, कोई बना ....
ऐसी भी क्या नाराजगी क्या इतने दुखी हैं कि रचना ही बेमोल बता दी....
फिर भी अच्छा लगा पढ़कर....
बहुत ही अच्छी अभिब्यक्ति| आभार|
ReplyDeleteधन्यवाद बीना जी, 'बेमोल' शब्द से कवि दिगपाल सिंह जी का आशय शायद स्त्री का अधिक या वक्त बेवक्त बोलने से है, जिससे उसकी value कम हो जाती है, आप कृपया अन्यथा न लें.......ब्लॉग पर आने के लिए आपका आभार.
ReplyDeleteकुछ पाबंदियां ही सही यारों, मगर care तो करती है,
ReplyDeleteहमें पसंद न हो पर, हमपर नज़र रखती है, दुनिया की कोई मशीन उसे कैसे करे कण्ट्रोल! काश, कोई न बनाये .............
thanks to All
ReplyDeletesurvir ji aapka shukriya post karne ke liye
ye rachana sirf gudgudane ke liye likhi thi
samay mila to kuch or pesh karunga
अच्छी पंक्तियाँ
ReplyDeleteits different....
ReplyDeleteAn outstanding share! I've just forwarded this onto a coworker who had been conducting a little
ReplyDeletehomework on this. And he actually ordered
me breakfast because I discovered it for him...
lol. So let me reword this.... Thank YOU for the meal!!
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