जग के उर्वर आँगन में
बरसो ज्योतिर्मय जीवन !
बरसो लघु लघु त्रण तरु पर
हे चिर अव्यय चिर नूतन !
बरसो कुसुमों में मधुवन
प्राणों में अमर प्रणय धन;
स्मिति स्वप्न अधर पलकों में
उर अंगों में सुख यौवन !
छू छू जग के मृत रज कण
कर दो त्रण तरु में चेतन,
मृनभरण बाँध दो जग का
दे प्राणों का आलिंगन !
बरसो सुख बन सुषमा बन
बरसो जग जीवन के धन !
दिशी दिशी में औ पल पल में
बरसो संसृति के सावन !
- सुमित्रा नंदन पन्त
!!!! = नववर्ष 2012 आपको मंगलमय हो = !!!!
सुबीर जी .......बहुत बढ़िया! आपको भी सपरिवार नववर्ष पर ढेर सारी शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआप मेरे ब्लॉग पर आए और बड़ी अच्छी बातें लिख कर आए ...उनके लिए भी ह्रदय से आभार! सुबीर जी मैं ब्लॉग जगत में ही हूँ!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति|
ReplyDeleteआपको भी सपरिवार नववर्ष पर ढेर सारी शुभकामनाएं|
pant ji ki sumadhur kavya rachna prastuti ke liye aabhar!
ReplyDeleteAppko spariwar NAVVARSH kee haardik shubhkamnayen
nAV VARSH MEIN SUKH SHUSHMA BAN KAR BARSE APKE JIVAN MEIN.
ReplyDeleteनव-वर्ष की शुभकामनाएं !
ReplyDeleteछू छू जग के मृत रज कण
ReplyDeleteकर दो त्रण तरु में चेतन,
मृनभरण बाँध दो जग का
दे प्राणों का आलिंगन !
Vah bahut hi sundar bhav aur bahut hi sundar srijan...abhar ravat ji .
बहुत सुंदर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति,बढ़िया प्रस्तुति,....
ReplyDeletewelcome to new post--जिन्दगीं--
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