Saturday, December 31, 2011

बरसो ज्योतिर्मय जीवन !


जग  के उर्वर आँगन में
बरसो ज्योतिर्मय जीवन !

बरसो लघु लघु त्रण तरु पर
हे चिर अव्यय चिर नूतन !

बरसो कुसुमों में मधुवन
प्राणों में अमर प्रणय धन;
स्मिति स्वप्न अधर पलकों में
उर अंगों में सुख यौवन !

छू छू जग के मृत रज कण
कर दो त्रण तरु में चेतन,
मृनभरण  बाँध दो जग का
दे प्राणों का आलिंगन !

बरसो सुख बन सुषमा बन
बरसो जग जीवन के धन !
दिशी दिशी में औ पल पल में
बरसो संसृति के सावन !
                              - सुमित्रा नंदन पन्त 

   !!!! = नववर्ष  2012  आपको मंगलमय हो  = !!!!

8 comments:

  1. सुबीर जी .......बहुत बढ़िया! आपको भी सपरिवार नववर्ष पर ढेर सारी शुभकामनाएं !
    आप मेरे ब्लॉग पर आए और बड़ी अच्छी बातें लिख कर आए ...उनके लिए भी ह्रदय से आभार! सुबीर जी मैं ब्लॉग जगत में ही हूँ!

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति|
    आपको भी सपरिवार नववर्ष पर ढेर सारी शुभकामनाएं|

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  3. pant ji ki sumadhur kavya rachna prastuti ke liye aabhar!
    Appko spariwar NAVVARSH kee haardik shubhkamnayen

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  4. nAV VARSH MEIN SUKH SHUSHMA BAN KAR BARSE APKE JIVAN MEIN.

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  5. नव-वर्ष की शुभकामनाएं !

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  6. छू छू जग के मृत रज कण
    कर दो त्रण तरु में चेतन,
    मृनभरण बाँध दो जग का
    दे प्राणों का आलिंगन !

    Vah bahut hi sundar bhav aur bahut hi sundar srijan...abhar ravat ji .

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  7. बहुत सुंदर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति,बढ़िया प्रस्तुति,....
    welcome to new post--जिन्दगीं--

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