Sunday, April 03, 2011

सामाजिक जागरूकता व व्यापक चिंतन की अभिव्यक्ति है नेगी जी के कोलाज


नेगी जी का विस्तृत परिचय आपने 28 मार्च 2011 की पोस्ट में पढ़ा;
प्रस्तुत है नेगी जी के शिल्प से परिचय का चौथा व आखिरी पड़ाव -
4- कोलाज - इस विधा के अंतर्गत नेगी जी ने अपने रेखाचित्रों के साथ लोकप्रिय गढ़वाली, कुमाउनी व हिंदी कवियों की उत्कृष्ट कविताओं को उकेरा है. कविता पोस्टर ही उन्हें  प्रसिदधी के उच्च शिखर पर ले गया है. कविता पोस्टर के माध्यम से ही उनके बहुआयामी व्यक्तित्व की झलक मिलती है.  

 








 

8 comments:

  1. कोलाज का सही अर्थ क्या है थोडा विश्लेषण करते तो हमारा ज्ञान वर्धन होता .
    जीत की बधाई के साथ नववर्ष ( सम्वत्सर ) और नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं

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  2. बहुत ही लाजवाब चित्रकार है नेगी जी...मुझे अफ़सोस है की मैं पहले लोकगायक नेगी जी को समझ बैठी थी... खैर आपने परिचय और उनकी कला से मुखातिब किया, मन को बहुत अच्छा लगा.. हमारी लोक संस्कृति के इस प्रचार और प्रसार के लिए आपका यह प्रयास सराहनीय और अनुकर्णीय है .....सही मायने में कला और संस्कृति को वही समझता है जो ऐसे समर्पित लोगों को सामने लाता है जो अतीत के अंधियारों में कहीं गुमनामी की जिंदगी जी रहे होते हैं.. ... आपको पुन: धन्यवाद

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  3. सच में लाजवाब कोलाज बनाये हैं!
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  4. It's a pleasure to know him.

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  5. बहुत ही लाजवाब चित्रकारी है नेगी जी की| परिचय देने के लिए धन्यवाद|

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  6. उनके बारे में जानकर अच्छा लगा...बहुत सुंदर और अर्थपूर्ण चित्रकारी

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